Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain – संज्ञा के कितने भेद होते हैं?

Sangya Ke Kitne Bhed Hote Hain: संज्ञा शब्द भेद का एक प्रकार है और जैसा कि हमने अपने पूर्व के पोस्ट में आपको बताया था कि प्रयोग के आधार पर जो शब्द भेद होते हैं उनमें दो प्रकार होते हैं विकारी और अविकारी शब्द तो संज्ञा जो है विकारी शब्द का एक प्रकार है विकारी शब्द चार प्रकार के होते हैं संज्ञा सर्वनाम क्रिया तथा विशेषण तो आज हम उन में से पहला प्रकार संज्ञा और उसके भेदों की चर्चा यहां पर कर रहे हैं
संज्ञा: संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, स्थान, गुण के नाम का बोध होता हो।
जैसे:
वस्तुओं के नाम: कुर्सी, कलम, मोबाइल आदि
व्यक्तियों के नाम: गांधीजी, विराट कोहली, अब्दुल कलम आदि
प्राणियों के नाम: कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया
स्थानों के नाम: पटना, दरभंगा, मुंबई आदि
गुणों के नाम: ईमानदारी, सच्चाई, धोकेबाज आदि
भावों के नाम: ख़ुशी, दया, ईर्ष्या आदि
संज्ञा के भेद
हिंदी व्याकरण में संज्ञा के मुख्यतः पांच भेद हैं।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा:
जिस शब्द से किसी एक वस्तु या व्यक्ति का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे: राम, गांधीजी, गंगा काशी इत्यादि | राम, गांधीजी कहने से एक व्यक्ति का, गंगा कहने से एक नदी का, और काशी कहने से एक नगर का बोध होता है |
व्यक्तिवाचक संज्ञा इन हिंदी में लिखित रूप में होती है |
- व्यक्तियों के नाम: श्याम, राम, सुरेश आदि
- दिशाओं के नाम: उत्तर, पश्चिम, दक्षिण, आदि
- देशों के नाम: भारत, जापान, अमेरिका, पाकिस्तान, आदि
- समुद्र के नाम: हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, आदि.
- नदियों के नाम: गंगा, ब्रह्मपुत्र, आदि
- पर्वतों के नाम: हिमालय, कराकोरम, आदि
- नगरो, चौक और सड़कों के नाम: गया, चांदनी चौक, पटना, आदि
- पुस्तकों तथा समाचार पत्रों के नाम: इंडियन नेशन, रेनबो, आदि
- ऐतिहासिक युद्ध और घटनाओं के नाम: पानीपत की पहली लड़ाई, अक्टूबर क्रांति, आदि
- दिनों, महीनों के नाम: अक्टूबर, जुलाई, सोमवार, मंगलवार, आदि
- त्योहारों के नाम: दीपावली, रक्षाबंधन, ईद आदि
जातिवाचक संज्ञा:
जिन संज्ञा से एक ही प्रकार की वस्तु अथवा व्यक्ति का बोध होता है, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं |
जैसे:
मनुष्य, घर, पहाड़, नदी, आदि | मनुष्य कहने से संसार की मनुष्य जाति का, घर कहने से सभी तरह के घरों का, पहाड़ कहने से संसार के सभी पहाड़ों का, और नदी कहने से सभी प्रकार की नदियों के जातिगत बोध होते हैं।
भाववाचक संज्ञा:
जिस संज्ञा से व्यक्ति या वस्तु के गुण-दोष, दशा का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे: लंबाई, बुढ़ापा, मिठास, समझ, आदि
समूहवाचक संज्ञा:
जिस संज्ञा से वस्तु अथवा व्यक्ति के समूह का बोध होता हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे:
व्यक्तियों का समूह – सभा, दल, गिरोह, आदि
वस्तुओं का समूह – गुच्छा, कुंज, मंडल, आदि
द्रव्यवाचक संज्ञा:
जिस संज्ञा से नाप-तौल वाली वस्तुओं का बोध हो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। इस संज्ञा का सामान्यतः बहुवचन नहीं होते हैं।
जैसे: लोहा, सोना, चांदी, दूध, पानी, तेल, तेजाब, इत्यादि
[FAQ] संज्ञा पर पूछे जाने वाले सवाल
अर्थ: संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, स्थान, गुण के नाम का बोध होता हो।
उदाहरण :
- वस्तुओं के नाम: कुर्सी, कलम, मोबाइल आदि
- व्यक्तियों के नाम: गांधीजी, विराट कोहली, अब्दुल कलम आदि
- प्राणियों के नाम: कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया
- स्थानों के नाम: पटना, दरभंगा, मुंबई आदि
- गुणों के नाम: ईमानदारी, सच्चाई, धोकेबाज आदि
- भावों के नाम: ख़ुशी, दया, ईर्ष्या आदि
संज्ञा के मुख्य रूप से पांच भेद होता हैं।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
अर्थ: जिस शब्द से किसी एक वस्तु या व्यक्ति का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण : राम, गांधीजी, गंगा काशी इत्यादि | राम, गांधीजी कहने से एक व्यक्ति का, गंगा कहने से एक नदी का, और काशी कहने से एक नगर का बोध होता है |
Conclusion:
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