Bhasha kise kahate hain – भाषा किसे कहते हैं

Bhasha kise kahate hain: नमस्कार, दोस्तों आपका एक बार फिर से Yourhindi.net में स्वागत है, आज इस लेख में हम मुख्य रूप से भाषा किसे कहते हैं और भाषा के कितने रूप होते हैं उन सभी को उदाहरणों के साथ एक-एक करके समझ गए. चलो शुरू करते हैं ।
भाषा किसे कहते हैं
भाषा:- हम अपने भावों को लिखित अथवा कथित रूप से दूसरों को समझा सके और दूसरे के भावों को समझ सके उसे भाषा कहते है।
भाषा का अर्थ: भाषा संस्कृत की ‘भाव’ धातु से उत्पन है। इसका अर्थ है – बोलना अयार्त भाषा वह है जिसे बोला जाय ।
भाषा के दो रूप है:
- मौखिक भाषा
- लिखित भाषा
- सांकेतिक भाषा (कुछ विद्वान मानते हैं)
मौखिक भाषा
जिस भाषा को मुख से बोला जाता है तथा कानों से सुना जाता है उसे मौखिक भाषा कहते हैं मौखिक भाषा स्थाई नहीं होती है। जैसे – पुत्र, समाचार-पत्र, कहानी, पुस्तक आदि।
लिखित भाषा
लिखकर अपनी बात प्रकट करना तथा लिखा हुआ पढ़ कर दूसरों की बात समझाना लिखित भाषा कहलाता है। जैसे – टेलिफोन, दूरदर्शन, रेडियो, भाषण आदि।
सांकेतिक भाषा
सांकेतिक भाषा में अपने भाव और विचारों को संकेतों तथा इशारों के माध्यम से प्रगट किया जाता है।
हमारे देश में अनेक भाषाएँ हैं, जैसे – मनिंदर घर में पंजाबी बोलता है, जबकि स्कूल में हिंदी और अंग्रेज़ी पढ़ता है। हमारे एक पड़ोसी महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, वे मराठी बोलते हैं।
भारत में बोली जाने वाली भाषाएँ –
राज्य | भाषा |
महाराष्ट्र | मराठी |
बंगाल | बंगला |
उड़ीसा | उड़िया |
कर्नाटक | कन्नड़ |
तमिलनाडु | तमिल |
पंजाब | पंजाबी |
केरल | मलयालम |
आंध्र प्रदेश | तेलगू |
उत्तर प्रदेश | हिंदी |
असम | असमिया |
राजस्थान | राजस्थानी |
संसार की अन्य भाषाएँ – अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, अरबी, रशियन, चाइनीज़, डच आदि
दूसरे पड़ोसी बंगाल के हैं, वे बांग्ला बोलते हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि हमारे आस-पास विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले लोग मिलते हैं। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। इसी तरह संसार में अनेक भाषाएँ हैं; जैसे-इंग्लैंड में अंग्रेजी, जर्मनी में जर्मन, जापान में जापानी, पाकिस्तान में उर्दू, चीन में चीनी आदि।
14 सितम्बर 1949 को राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
लिपि
लिपि – भाषा को लिखने का ढंग लिपि कहलाता है
व्याकरण
व्याकरण – जिन नियमा के अन्तर्गत किसी भाषा को शुभ बोलना लिखना एवं ठीक प्रकार से समझना आता है, उन्हें ही व्याकरण कहते है।
भाषा को शुद्ध बोलने, लिखने और पढ़ने के लिए हमें व्याकरण की आवश्यकता होती है।
लड़की पढ़ रहा है।
लड़का नाच रही है।
दोनों वाक्य पढ़कर हँसी आ रही है न, क्योंकि यह भाषा अशुद्ध है। हिंदी में हम कहते हैं –
लड़की पढ़ रही है।
लड़का नाच रहा है।
यही शुद्ध रूप है और इसकी जानकारी हमें व्याकरण से होती है। भाषा को सही ढंग से लिखने-पढ़ने के लिए कुछ नियम होते हैं। ये नियम हम व्याकरण से जानते हैं।
[FAQ] भाषा पर पूछे जाने वाले सवाल
भाषा के दो रूप होते हैं:
- मौखिक भाषा
- लिखित भाषा
- सांकेतिक भाषा (कुछ विद्वान मानते हैं)
जिस भाषा को मुख से बोला जाता है तथा कानों से सुना जाता है उसे मौखिक भाषा कहते हैं मौखिक भाषा स्थाई नहीं होती है।
जैसे - पुत्र, समाचार-पत्र, कहानी, पुस्तक आदि।
उपभाषा का क्षेत्र बोली से बड़ा होता है। उपभाषा में भी रचनाएँ होने लगी है। तब वह उपभाषा बन जाती हैं
जैसे- अवधी, ब्रज भाषा, इत्यादि है।
निष्कर्ष:
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